बोली ने किया बवाल

चलते-चलते थक चुका एक राहगीर, विश्रांति हेतु स्थान को खोज करने लगा। तब एक महिला ने अपने मकान के प्रखंड में उसे रहने के लिए स्थान दे दिया। रात भर वह शांति से सोया। सुबह उठकर उस बुजुर्ग राहगीर ने पेट की भूख शांत करने के लिए खिचड़ी बनाने का विचार किया। आसपास पड़ी सूखी … Read more

स्वार्थ नहीं : परमार्थ

स्वार्थ से ऊपर उठकर परमार्थ में लगने वाले व्यक्ति देह से मरकर भी अमर हो जाते हैं। जनता उन्हें सदा श्रद्धा ही से याद करती है। बात उस समय की है, जब बाल गंगाधर तिलक ने वकालत की परीक्षा पास कर ली थी। उनके एक मित्र ने उनसे पूछा- अब क्या करना चाहते हो? सरकारी … Read more

दोनों को अहसास

आज अमन ऑफिस से ही आफत मोल लेकर घर पहुँचा। अपना बैग रखा ही था कि दोनों बच्चे झगड़ते हुए पापा के पैरों से लिपट गए और बड़ी मासूमियत से पूछा ‘पापा! जल्दी बताओ, आप किससे ज्यादा प्यार करते हैं? अमन का मन ऑफिस में हुई बॉस से बहस के कारण डिस्टर्ब था। उसने बच्चों … Read more

जैन धर्म के प्रसार में जुटे दुबई के नन्हें सितारे जैनम और जिविका

दुबई से आए जैनम (12 साल) और जिविका (10 साल) ने अपने अद्वितीय कर्तृत्व से न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में जैन धर्म के प्रसार के प्रति अपनी गहरी निष्ठा और समर्पण का परिचय दिया है। इन नन्हें जैन धर्म के अनुयायियों का उद्देश्य मात्र अपनी आस्था का प्रचार करना नहीं है, बल्कि … Read more

‘मिरर’ पॉलिसी

आचार्य श्री यशोविजयसूरि जी स्वरूपवान राजकुमारी….. अनेक गुणों से शोभायमान… एकमात्र क्रोध के कारण पूरे राज्य में अप्रिय बन गई थी। छोटी-सी बातों में भी बेहद गुस्सा…. बार-बार आग-बबूला होना… अंड-बंड बकना… घमंड में सिर ऊँचा रखना। पुण्य पुरजोश में था अतः उसके मुँह पर कौन बोल सकता था? लेकिन अंदर से तो सब के … Read more

माँ का अपूर्व जुड़ाव बच्चों के साथ

प्रत्येक धर्मशास्त्रों में माता-पिता के उपकारों की गुण-गाथा बहुत उच्च कोटि के शब्दों में गाई गई है। पिता अपने कर्तव्य के अनुसार सारा कार्य करते हैं। बच्चों की हर माँग को पूरी करते हैं। बच्चों के लिए पूरे सावधान रहते हैं। लेकिन माँ का बच्चे के साथ अपूर्व जुड़ाव रहता है। गर्भ में बच्चे के … Read more

स्थानक का प्रभाव

साध्वीरत्ना आस्था श्रीजी म.सा. साध्वीरत्ना आस्था श्रीजी म.सा. खामगाँव में पर्युषण पर्व का प्रसंग। सभी में छाया रहता है धर्म का उत्साह उमंग। एक नन्हीं बच्ची लब्धि श्रीश्रीमाल भी अपनी मम्मी से जिद्द करने लगी- मुझे भी स्थानक जाना है। जब से स्कूल से आई एक ही जिद्द, महाराज सा. के जाना है। मम्मी के … Read more

संस्कारों का पर्दा खोलनेवाली कहानी| Motivational Story

बरसात चल रही थी। उस भयंकर वर्षा में एक लड़की मस्ती करती हुई हाथ को पानी की बूंदों से भिगोते हुई अपनी मम्मी रोमा से कहने लगी- मम्मी, पेड़-पौधे, हरियाली का मजा लेने के लिए लांग ड्राइव पर चलो। मौसम बहुत बढ़िया है। घर पर बैठ कर क्या करेंगे। बाहर घूमने जाएँगे तो जंगल की … Read more

पोलीस खरे मित्रमैत्री दिनाचा आगळा वेगळा उपक्रम

नाशिक , 4 ऑगस्ट जागतिक मैत्रीदिन निमित्त श्री राधिका फाउंडेशन व महावीर इंटरनॅशनल या संस्थेच्या वतीने पोलिसांसोबत मैत्री दिवस साजरा करण्यात आला.खरा मित्र तोच असतो , जो संकटासमयीं धावून येतो; आम्हास कोणतेही संकट येवो,आम्हास प्रथम आठवण येते पोलिसाचीच येते ,व् ते लगेच धावून येतात,सण उत्सव ,स्वतःच्या घरातील कार्यक्रम सोडून ते हजर असतात .म्हणजेच खऱ्या अर्थाने … Read more

रेवती ने तिर्थकर नाम कर्म का बंद कैसे किया?

केवलिचर्या में विचरते हुए तेरह वर्ष बीत गए तब भगवान महावीर चौदहवें वर्ष में मेढीग्राम पधारे। भगवान के पधारने की खबर से वहाँ के लोग बहुत प्रसन्न हुए और झुण्ड के झुण्ड प्रभु-दर्शन एवं देशना श्रवण के लिए जाने लगे। किन्तु प्रभु के एक कुशिष्य गोशालक को यह बात पसन्द नहीं आयी। वह कुछ दिनों … Read more