वसुमति कैसे बन गई चन्दना ?
जय जिनेन्द्र दोस्तों …… इस जैन कहानी के माध्यम से जानते वसुमति कैसे बन गई चन्दना ?
जय जिनेन्द्र दोस्तों …… इस जैन कहानी के माध्यम से जानते वसुमति कैसे बन गई चन्दना ?
हस्तिनापुर नगर में महापराक्रमी बाहुबली के पौत्र श्रेयांसकुमार युवराज पद का भोग कर रहे थे। एक बार उन्होंने स्वप्न देखा कि श्याम-रंग मेरु पर्वत को मैं अमृत घट से सिंचित कर रहा हूँ। दूसरी ओर राजा ने भी स्वप्न में देखा कि शत्रुओं के साथ लड़ते हुए योद्धाओं को श्रेयांसकुमार की सहायता से विजय प्राप्त … Read more
आप अपना ज्ञान यदि लोगों को बाँटते हैं तो आपका ज्ञान वृद्धिंगत होगा, आपको आत्मिक शांति मिलेगी। स्वयं भरपेट खा कर भी आप दूसरों को भोजन नहीं देते हैं तो आप भरे पेट भी भूखे ही रहते हैं। यदि आप अपने में से आधा भोजन दूसरों को देते हैं तो वह भोजन अमृत है। इससे … Read more
पर्युषण महापर्व में हंसते-खलते अपना सकते हैं… यह त्याग प्रत्याख्यान पर्युषण महापर्व को सफल बनाने के लिए यथाशक्ति नीचे दिए हुए नियम जरूर अपनाएं और पर्युषण महापर्व को सफल बनाएं। 1) संत दर्शन करना । 2) सूत्र श्रवण करना। 3) प्रवचण श्रवण करना। 4) प्रतिक्रमण करना । 5) प्रार्थना करना । 6) नवकार मंत्र की … Read more
अपने महल में जाकर सुरसुन्दरी ने त्रियाचरित्र दिखाना शुरु कर दिया। सर के बाल बिखेर लिए, कपड़े अस्त-व्यस्त कर लिए, हाथों से मसलकर आँखें लाल कर ली और मुँह बिगाड़कर पलंगपर सो गयी।कुछ ही देर में हरिषेण आया। बाहर खड़ी विमला से पूछा, ‘रानी कहाँ है ?’‘आप ही जाकर देख लीजिये न !’ विमला के … Read more