कर्मों का लेखा

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सोनगढ़ के राजा चतुरसिंह समय-समय पर अपने दरबारियों से सवाल पूछकर उनके ज्ञान की परीक्षा लिया करते थे। सही उत्तर मिलने पर भारी इनाम भी देते थे। इस कारण प्रत्येक दरबारी अपने चारों तरफ की जानकारी रखता था। एक बार उन्होंने अपने मंत्री से पूछा “मंत्रीजी ! मुझे चार प्रश्नों के जवाब दो। पहला, जो … Read more

150 दिनों में 3421 कि.मी. की विहार सेवा देकर जय आनंद गणेश विहार ग्रुप ने रचा पुणे में इतिहास

jai anand ganesh vihar group

जो बारिश में भीगेगा वो लिबास बदल सकता है,लेकिन जो पसीने में भीगेगा वो इतिहास बदल सकता है आचार्य भगवंत महाबोधिसुरिश्वरजी महाराजा ने विहार समिति की अनुमोदना करते हुए कहा था। इस युक्ति को सार्थक किया है, जय आनंद गणेश विहार ग्रुप ने..। संत हमारे जैन समाज की धरोहर है और उनकी रक्षा करना हमारा … Read more