150 दिनों में 3421 कि.मी. की विहार सेवा देकर जय आनंद गणेश विहार ग्रुप ने रचा पुणे में इतिहास

जो बारिश में भीगेगा वो लिबास बदल सकता है,
लेकिन जो पसीने में भीगेगा वो इतिहास बदल सकता है

आचार्य भगवंत महाबोधिसुरिश्वरजी महाराजा ने विहार समिति की अनुमोदना करते हुए कहा था। इस युक्ति को सार्थक किया है, जय आनंद गणेश विहार ग्रुप ने..। संत हमारे जैन समाज की धरोहर है और उनकी रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है। भगवान महावीर ने श्रावक श्राविका को साधु साध्वी का अम्मापियरों कहां है। अम्मापियरों अर्थात माता-पिता । जैसे हम हमारे पुत्र – पुत्री का ध्यान रखते हैं, वैसे ही हर जैन का कर्तव्य है कि वह साधु संतों का ध्यान रखें। उनकी सेवा करें और विहार में सेवा देकर उनके जीवन की रक्षा करें। क्योंकि वही चलते फिरते महावीर है, जो हमारे जीवन को संस्कारित कर रहे हैं।

युवाचार्य प. पू. महेंद्रऋषिजी म. सा. की प्रेरणा से 3 साल पहले शिवाजी नगर के रमेशजी फुलचंदजी बागमार ने जय आनंद गणेश विहार ग्रुप की स्थापना की। आज उस ग्रुप में 500 लोग जुड़ गए हैं। 200 एक्टिव मेंबर विहार में अपनी सेवा देते हैं, साथ ही 50 महिलाएं जो व्हीलचेयर एक्सपर्ट है, जो गृह कार्य में से सुबह का समय निकालकर विहार सेवा देने के लिए अग्रसर रहती है। उनके इस सेवा कार्य को देखकर आचार्य भगवंत प. पू. महाबोधिसुरिश्वरजी म. सा. की असीम प्रेरणा से एवं उनके आशीर्वाद से इस विहार ग्रुप को महाराष्ट्र पुरस्कार प्राप्त हुआ है। उनके इस समर्पण सेवा को ध्यान में रखते हुए VSG महाराष्ट्र TROPHY विजेता ग्रुप के “संत सेवा समर्पित गौरवशाली वीर सैनिक”  पुरस्कार से पुरस्कृत भी किया है । उनके अद्वितीय सेवा कार्य को कई पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। श्वेतांबर दिगंबर का भेद न रखते हुए जैन संतों की सेवा में जय आनंद गणेश विहार ग्रुप पुणे सदैव तत्पर रहता है।

27 नोव्हेंबर 2023 से 23 एप्रिल 2024 के आयांबिल ओली तक 500 विहार सेवा देकर गुरु भगवंतो की सेवा में सदैव उपस्थित रहने वाला जय आनंद गणेश विहार ग्रुप जिन्होंने 764 साधु भगवंतो को एवं 1265 साध्वी भगवंतो को 3421 कि. मी. विहार सेवा दी है।

इस विहार सेवा में 4111 विहार साथी, 1001 विहार दामिनी एवं 112 बाल विहार वीर ने अप्रतिम सेवा का उदाहरण प्रस्तुत किया है। गोचरी पानी की व्यवस्था तो सभी करते हैं, पर सुबह जल्दी उठकर अपने नींद एवं आराम का त्याग कर के गुरु भगवंतो को गंतव्य स्थान में पहुंचानेवाले विहार साथी वाकई में धन्यवाद के पात्र है। जय आनंद गणेश विहार ग्रुप, पुणे विहार सेवा में समर्पण भाव देकर पुण्यवाणी कमाने का शुभ अवसर प्राप्त कर रहे हैं।

जय आनंद गणेश विहार ग्रुप पुणे के रमेशजी फुलचंदजी बागमार सभी से यही कहते हैं कि भारत के हर कोने में विहार समिति का संगठन होना चाहिए और संत सतियों के साथ कोई ना कोई व्यक्ति विहार में जरूर रहना चाहिए ताकि संत सतीयों की सेवा में हम हमारे जीवन का कुछ योगदान दे सके। विहार समिति में जितने भी जैन भाई – बहन जुड़े हैं, उन सभी के सेवा भाव को, समर्पणता को हम वंदन करते हैं। जय आनंद गणेश विहार ग्रुप, पुणे से अगर किसी को जुड़ना है तो 8308304003 आप इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।

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