बीएल आच्छा और नैनमल जैन का भावभीना अभिनंदन
उदयपुर, अंतरराष्ट्रीय जैन साहित्य संगम, तमिलनाडु द्वारा प्रथम स्थापना दिवस तथा गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में सम्मान समारोह एवं कवि गोष्ठी का आयोजन रविवार को टी. नगर स्थित आरवाईए मेट्रो सभागार में किया गया।
पंच परमेष्ठी की स्तुति और तपस्वी ज्योति मेहता द्वारा श्रुतदेवी सरस्वती की वंदना के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ। एम. गौतमचंद बोहरा (सीए) की अध्यक्षता में जैन साहित्य संगम-तभिलनाडु की ओर से वरिष्ठ व्यंग्यकार, समालोचक और समीक्षक बीएल आच्छा का ‘साहित्य चूड़ामणी’ अलंकरण देकर सम्मान किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि आच्छा ने कहा कि जैनों ने साहित्य रचना के साथ संरक्षण भी किया है। अभिधान राजेन्द्र विश्वकोष के रचनाकार श्रीमद् विजय राजेन्द्र सूरीश्वरजी, इतिहासकार अगरचंद नाहटा और हिंदी-राजस्थानी के कवि पद्मश्री कन्हैयालाल सेठिया का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि प्राचीन काल के अनेक जैन मंदिर और स्मारक विश्व विरासत सूची में स्थान पाने योग्य है