आहार और जीवन कैसा होना चाहिये ?

आहार और जीवन का घनिष्ट सम्बन्ध है। शरीर को बनाने के लिए, शरीर के अस्तित्व को टिकाने के लिए और क्षुधा आदि के निवारण के लिए हर प्राणी को आहार ग्रहण करने की आवश्यकता रहती है। जैनदर्शन के अनुसार तो प्रत्येक आत्मा गर्भ में अवतरण के साथ ही सर्वप्रथम आहार ग्रहण करने की प्रवृत्ति करती … Read more

सारा संसार एक पुस्तक है

एक बहुत खूबसुरत बाग था। बीच में बड़ा-सा फव्वारा, चारों तरफ कालीन की तरह बिछी हरी घास और क्यारियों में रंग-बिरंगे फूल झूम रहे थे। लोग सुबह-शाम बाग को देखने-घूमने आते। वहाँ इतनी भीड़ रहती कि बेंचो पर जगह ही नहीं मिलती। कुछ लोग तो नियमित सैर के लिए आते थे। इनमें एक युवक भी … Read more

सबसे बड़ी खोज

वैज्ञानिक माइकल फैराडे का नाम आज भी अभावग्रस्त, कर्मठ लगनशील विद्यार्थियों की राह प्रशस्त कर रहा है। माइकल बहुत गरीबी में पला-बढ़ा था। जैसे-तैसे दसवीं पासा करने के बाद घर को चलाने के लिए लंदन में अखबार बेचने का काम करने लगा था। साथ ही यथा उपलब्ध समय का दुरुपयोग न कर पढ़ाई भी करता। … Read more

बोली ने किया बवाल

चलते-चलते थक चुका एक राहगीर, विश्रांति हेतु स्थान को खोज करने लगा। तब एक महिला ने अपने मकान के प्रखंड में उसे रहने के लिए स्थान दे दिया। रात भर वह शांति से सोया। सुबह उठकर उस बुजुर्ग राहगीर ने पेट की भूख शांत करने के लिए खिचड़ी बनाने का विचार किया। आसपास पड़ी सूखी … Read more

स्वार्थ नहीं : परमार्थ

स्वार्थ से ऊपर उठकर परमार्थ में लगने वाले व्यक्ति देह से मरकर भी अमर हो जाते हैं। जनता उन्हें सदा श्रद्धा ही से याद करती है। बात उस समय की है, जब बाल गंगाधर तिलक ने वकालत की परीक्षा पास कर ली थी। उनके एक मित्र ने उनसे पूछा- अब क्या करना चाहते हो? सरकारी … Read more