Shayri for Jain Tapasya / Jain Tap
जैन धर्म में तप को बहोत ही महत्व दिया हैं | तप से पुराने कर्म टूट जाते है | जानते है, तप पर हिंदी शायरी ….
1) तपस्या की भट्टी में जो तप गया है
कुंदन सा वही चमक गया है
तपस्या ही जीवन है मेरे बंधुओं
तपस्या में मानव महा मानव बन गया है।
2) युद्ध भूमि में योद्धा तपे, सूर्य तपे आकाश
तपस्वी साधक अंदर से तपे, करें कर्मों का नाश।
3) करो तपस्या, मिटे समस्या ।
4) देखकर आपकी तपरूपी लीना,
हम भी चाहते हैं आप जैसा जीना।
5) तप जीवन का श्रोत है,
तप जीवन जलती ज्योत है
तप से होती है कर्म निर्जरा
तप मोक्ष मार्ग का स्तोत्र है।
6) तपस्या की आई है बहार
शांति मिलती तप से अपार
तपस्वी के क्या गायें हम गुणगान
तपस्वी से होता है कर्मों का संहार।
7) पुण्यवाणी का शुभ अवसर आया
तपस्या में तन मन लगाया
रसनेन्द्रिय पर किया विजय
दृढ़ता से कर्मों को खपाया।