सारा संसार एक पुस्तक है

एक बहुत खूबसुरत बाग था। बीच में बड़ा-सा फव्वारा, चारों तरफ कालीन की तरह बिछी हरी घास और क्यारियों में रंग-बिरंगे फूल झूम रहे थे। लोग सुबह-शाम बाग को देखने-घूमने आते। वहाँ इतनी भीड़ रहती कि बेंचो पर जगह ही नहीं मिलती। कुछ लोग तो नियमित सैर के लिए आते थे। इनमें एक युवक भी … Read more