क्रोध : स्वयं का सबसे बड़ा शत्रु – जिनशासन प्रभाविका प. पू. चैतन्यश्रीजी म. सा. !
पुणे, प. पू. चैतन्यश्रीजी म. सा. ने अपने प्रवचन में क्रोध को जीवन का सबसे बड़ा शत्रु बताते हुए कहा कि यह प्रीति का नाश करता है और जीवन को खतरे से भर देता है। आपश्री ने समझाया कि जिस तरह अंधेरे को दूर करने के लिए रोशनी की जरूरत होती है, उसी तरह क्रोध … Read more