शिवधाराआचार्य प्रवर डाॅ शिवमुनिजी म.सा….

आप अपना ज्ञान यदि लोगों को बाँटते हैं तो आपका ज्ञान वृद्धिंगत होगा, आपको आत्मिक शांति मिलेगी। स्वयं भरपेट खा कर भी आप दूसरों को भोजन नहीं देते हैं तो आप भरे पेट भी भूखे ही रहते हैं। यदि आप अपने में से आधा भोजन दूसरों को देते हैं तो वह भोजन अमृत है। इससे … Read more

पर्युषण को मनाइए…पुण्यवाणी कमाइए

पर्युषण महापर्व में हंसते-खलते अपना सकते हैं… यह त्याग प्रत्याख्यान पर्युषण महापर्व को सफल बनाने के लिए यथाशक्ति नीचे दिए हुए नियम जरूर अपनाएं और पर्युषण महापर्व को सफल बनाएं। 1) संत दर्शन करना । 2) सूत्र श्रवण करना। 3) प्रवचण श्रवण करना। 4) प्रतिक्रमण करना । 5) प्रार्थना करना । 6) नवकार मंत्र की … Read more

शिखर से बातेंप.पू आ.भ.श्रीमद् विजय रत्नसुंदरसूरीश्वरजी महाराज

अपने महल में जाकर सुरसुन्दरी ने त्रियाचरित्र दिखाना शुरु कर दिया। सर के बाल बिखेर लिए, कपड़े अस्त-व्यस्त कर लिए, हाथों से मसलकर आँखें लाल कर ली और मुँह बिगाड़कर पलंगपर सो गयी।कुछ ही देर में हरिषेण आया। बाहर खड़ी विमला से पूछा, ‘रानी कहाँ है ?’‘आप ही जाकर देख लीजिये न !’ विमला के … Read more

आहार और जीवन कैसा होना चाहिये ?

आहार और जीवन का घनिष्ट सम्बन्ध है। शरीर को बनाने के लिए, शरीर के अस्तित्व को टिकाने के लिए और क्षुधा आदि के निवारण के लिए हर प्राणी को आहार ग्रहण करने की आवश्यकता रहती है। जैनदर्शन के अनुसार तो प्रत्येक आत्मा गर्भ में अवतरण के साथ ही सर्वप्रथम आहार ग्रहण करने की प्रवृत्ति करती … Read more

सारा संसार एक पुस्तक है

एक बहुत खूबसुरत बाग था। बीच में बड़ा-सा फव्वारा, चारों तरफ कालीन की तरह बिछी हरी घास और क्यारियों में रंग-बिरंगे फूल झूम रहे थे। लोग सुबह-शाम बाग को देखने-घूमने आते। वहाँ इतनी भीड़ रहती कि बेंचो पर जगह ही नहीं मिलती। कुछ लोग तो नियमित सैर के लिए आते थे। इनमें एक युवक भी … Read more

सबसे बड़ी खोज

वैज्ञानिक माइकल फैराडे का नाम आज भी अभावग्रस्त, कर्मठ लगनशील विद्यार्थियों की राह प्रशस्त कर रहा है। माइकल बहुत गरीबी में पला-बढ़ा था। जैसे-तैसे दसवीं पासा करने के बाद घर को चलाने के लिए लंदन में अखबार बेचने का काम करने लगा था। साथ ही यथा उपलब्ध समय का दुरुपयोग न कर पढ़ाई भी करता। … Read more

बोली ने किया बवाल

चलते-चलते थक चुका एक राहगीर, विश्रांति हेतु स्थान को खोज करने लगा। तब एक महिला ने अपने मकान के प्रखंड में उसे रहने के लिए स्थान दे दिया। रात भर वह शांति से सोया। सुबह उठकर उस बुजुर्ग राहगीर ने पेट की भूख शांत करने के लिए खिचड़ी बनाने का विचार किया। आसपास पड़ी सूखी … Read more

स्वार्थ नहीं : परमार्थ

स्वार्थ से ऊपर उठकर परमार्थ में लगने वाले व्यक्ति देह से मरकर भी अमर हो जाते हैं। जनता उन्हें सदा श्रद्धा ही से याद करती है। बात उस समय की है, जब बाल गंगाधर तिलक ने वकालत की परीक्षा पास कर ली थी। उनके एक मित्र ने उनसे पूछा- अब क्या करना चाहते हो? सरकारी … Read more

पोलीस खरे मित्रमैत्री दिनाचा आगळा वेगळा उपक्रम

नाशिक , 4 ऑगस्ट जागतिक मैत्रीदिन निमित्त श्री राधिका फाउंडेशन व महावीर इंटरनॅशनल या संस्थेच्या वतीने पोलिसांसोबत मैत्री दिवस साजरा करण्यात आला.खरा मित्र तोच असतो , जो संकटासमयीं धावून येतो; आम्हास कोणतेही संकट येवो,आम्हास प्रथम आठवण येते पोलिसाचीच येते ,व् ते लगेच धावून येतात,सण उत्सव ,स्वतःच्या घरातील कार्यक्रम सोडून ते हजर असतात .म्हणजेच खऱ्या अर्थाने … Read more

रेवती ने तिर्थकर नाम कर्म का बंद कैसे किया?

केवलिचर्या में विचरते हुए तेरह वर्ष बीत गए तब भगवान महावीर चौदहवें वर्ष में मेढीग्राम पधारे। भगवान के पधारने की खबर से वहाँ के लोग बहुत प्रसन्न हुए और झुण्ड के झुण्ड प्रभु-दर्शन एवं देशना श्रवण के लिए जाने लगे। किन्तु प्रभु के एक कुशिष्य गोशालक को यह बात पसन्द नहीं आयी। वह कुछ दिनों … Read more