Shayri for Bhagwan Mahavir Mahaveer Janm Kalyanak par Shayri

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◆ प्रभु वर्धमान जिनवर सिद्धार्थ कूल चंदन                     त्रिलोक पूजनीय है मां त्रिशला के नंदन    आलोकित है नवधरा दिव्य प्रकाश से                       परमपिता महावीर को करें शत शत वंदन। ◆ भाव हैं तो भक्ति का सुमन जरुर खिलेगा                      एक बार तो मुक्ति का सिंहासन भी हिलेगा     श्रद्धा की गहराई मोती चुना करती है                      चंदना बन कर देखिए वर्धमान … Read more

जैन दीक्षा / दिक्षार्थी / संयम पर शायरी

Shayri For Jain Diksha / Diksharthi / Sanyam in Hindi जैन धर्म में संयम को बहुत ही महत्व है। वास्तव में मणुष्य भव की सफलता संयम में ही है। संयम लेकर ही हम मोक्ष के अव्याबाध सुख को प्राप्त कर सकते हैं। बहुत ही कम ऐसे विरले होते हैं, जो दीक्षा लेकर अपना जीवन ऊंचा … Read more