विधीविधान संपन्न हुई मुमुक्षु जिनेशा बाफना के केसर का छांटना
भायंदर मुम्बई, भक्ति और श्रद्धा आत्मा के अंतराय कर्म को तोड़ने का सशक्त माध्यम। शुक्रवार को ओस्तवाल बगीचा भायंदर में श्रमणसंघीय युवाचार्य महेंद्र ऋषि जी ने मुमुक्षु जिनेशा बाफना के केसर छांटना की रस्म मे पर आयोजित विषेश धर्मसभा को संबोधित करतें हुयें कहा कि भक्ति और श्रद्धा आत्मा की परम शुद्धि और आध्यात्मिक उत्थान का सशक्त माध्यम हैं। ये केवल आंतरिक शांति प्रदान नहीं करतीं, बल्कि हमारी आत्मा को बांधने वाले अंतराय कर्मों को भी समाप्त करती हैं। अंतराय कर्म वे बाधाएं हैं, जो आत्मा के वास्तविक स्वरूप को जानने और आध्यात्मिक प्रगति के मार्ग में रुकावट डालने वाली नकारात्मकता को हटा देती हैं।अंतराय कर्म भक्ति के प्रभाव से धीरे-धीरे समाप्त हो जाते हैं, और आत्मा अपने मूल स्वरूप की ओर बढ़ने लगती है। भक्ति में संयम और मर्यादा का पालन आवश्यक है। संयमित और शुद्ध आचरण से ही भक्ति को सफलता प्राप्त होती है।