रेवती ने तिर्थकर नाम कर्म का बंद कैसे किया?
केवलिचर्या में विचरते हुए तेरह वर्ष बीत गए तब भगवान महावीर चौदहवें वर्ष में मेढीग्राम पधारे। भगवान के पधारने की खबर से वहाँ के लोग बहुत प्रसन्न हुए और झुण्ड के झुण्ड प्रभु-दर्शन एवं देशना श्रवण के लिए जाने लगे। किन्तु प्रभु के एक कुशिष्य गोशालक को यह बात पसन्द नहीं आयी। वह कुछ दिनों … Read more